Gk Subhash Charan Sir, जीके सुभाष चारण सर सभी लोक देवता का वर्णन

Gk Subhash Charan Sir lok devi devta, जीके सुभाष चारण सर सभी लोक देवता का वर्णन राजस्थान के सभी लोग देवी-देवताओं का वर्णन इस लेख में किया गया है कितने राजस्थान के अंदर लोक देवी देवता हैं

Gk Subhash Charan Sir मारवाड़ के पंचवीर

Gk Subhash Charan Sir मारवाड़ के पंचवीर

  • गोगा जी
  • रामदेव जी
  • मेहा जी
  • हड़बूजी
  • पाबू जी

Gk Subhash Charan Sir गोगा जी का वर्णन

Gk Subhash Charan Sir गोगा जी महाराज का जन्म 1003 वि.स 1946 ईसवी भाद्रपद के कृष्ण नवमी को जन्म हुआ था

जन्म स्थान ~ ददरेवा ( राजगढ़ चूरू )
पिता का नाम ~ जेवर सिंह चौहान
माता का नाम ~ बाछल
पत्नी का नाम ~ केलम दे

केलम दे के पिता का नाम ~ बुदन जी

दूसरी पत्नी का नाम ~ सरियल
सरियल के पिता का नाम ~ रायचंद जी

गोगा जी के गुरु का नाम ~ गोरखनाथ
उपनाम ~ जहावीर / जिन्दा पीर व् सांपो के पीर भी कहा जाता है और साथ में ही गो रक्षक देवता के नाम से भी जाने जाते है

अराधय वृक्ष ~ खेजड़ी
मंदिर ~ मेड़ी
ध्वजा ~ सफेद
प्रतीक ~ सांप
गोगा राखड़ी ~ गोगा जी की राखी जिसके नो गांठे होती है
गोगा जी का मेला ~ गोगा नवमी को
गोगा जी के यात्री ~ पंजाब, हरियाणा, उतर प्रदेश , मध्य प्रदेश , दिल्ली
गोगा जी का रसवाला ~ कवी मेहा जी
गोगा जी का मंदिर ~ ददरेवा राजगढ़ चूरू

आप को बता देते है की इस मंदिर के पास गोरख तालाब भी है जिसकी मिटी बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है और आप को जानकर आस्चर्य होगा की सांप काटने के बाद अगर मिटी को उस जगह लगा देते है तो जहर का असर नहीं होगा

धूड़ मेड़ी ~ गोगा मेड़ी ( नोहर , हनुमानगढ़ )
यह मंदिर मसिजद नुमा आकर का बना हुआ है और आप को पता नहीं होगा शायद प्रवेश द्वार पर बिस्मिला नाम लिखा हुआ है

मंदिर का प्रारम्भिक निर्माण फिरोज तुगलक ने करवाया था
गंगा सिंह ने मंदिर का पुनः निर्माण करवाया था

इस मंदिर में 11 महीने पूजा चायल मुसलमान और 1 महीने हिन्दू और मुसलमान दोनों मिलकर करते है

यहां पुरे भाद्रपद महीने पशु मेला भरता है जिसमे ऊंट व् हरयाणवी गायो का क्रय विक्रय बहुत ज्यादा होता है

गोगा जी की झोंपड़ी ~ सांचोर में

Gk Subhash Charan Sir पाबू जी का वर्णन

Gk Subhash Charan Sir पाबू जी का वर्णन क्या आपको पता है की पाबूजी का वर्णन के बारे में अगर आपको नहीं पता है तो हम आप को बताएंगे इस पोस्ट में चलिए जानते है

  • जन्म ~ 1239 ईस्वी
  • पिता जी का नाम ~ धाधल जी राठौड़
  • माता जी का नाम ~ कमला देवी
  • पत्नी का नाम ~ फुलम दे / सुजार दे
  • फुलम दे के पिता का नाम ~ अमरकोट के सूरजमल जी
  • पाबू जी के घोड़ी का नाम ~ केशर कालमी
  • पाबूजी को भेंट ~ देवल चारवी. ने दी थी

उपनाम ~

  • गो रक्षक देवता
  • लेग रक्षक देवता
  • हाड़ फाड् के देवता
  • ऊँटो के देवता
  • बच्चन पुरुष
  • पाबू जी मारवाड़ में सर्वप्रथम ऊंट व् सांडा लेकर आये थे
  • पाबू जी की बहन सोहन बाई का विवाह जीदशव खींची के साथ हुआ था
  • पाबू जी के अनुयायी शादी में साढे तीन फेरे लेते है
  • पाबू जी का निधन देवल चारवी की गायो की रक्षा करते समय हुई जीन्दराव खींची के साथ युद्ध में ढेंचू ( जोधपुर ) गावं में हो गया
  • पाबू जी के साथ साथ चांदा हरमल जी डंबाजी सलजी भी मारे गए थे
  • मेला ~ चैत्र अमावस्य
  • पाबू जी के मेले में थाली नर्त्य किया जाता है

Gk Subhash Charan Sir रामदेवी जी का वर्णन

  • जन्म ~ 1352 ईस्वी में
  • महीना ~ भाद्रपद शुकल द्वितीय
  • जन्म स्थान ~ उडुकसमेर ( शिव < बाड़मेर )
  • पिता जी का नाम ~ अजमल सिंह तवंर
  • माता जी का नाम ~ मेणादे
  • पत्नी का नाम ~ नेतलदे
  • गुरु जी का नाम ~ बलिनाथ
  • बहन का नाम ~ सुगणा, लाछा
  • धर्म बहन का नाम ~ डाली बाई
  • भाई का नाम ~ बिरमदेव ( जो यह बलराम जी अवतार माना गया है

उपनाम ~ राम सा पीर , पीरो के पीर , कर्षण के अवतार , साम्प्रदाइकता देवता, ठाकुर जी

  • पर्चा ~ चमत्कार
  • जातरू ~ यात्री
  • रिखिया ~ मेगवाल भगत
  • जम्मा ~ जागरण
  • नेजा ~ पंचरगी ध्वजा
  • थान/ देवरा ~ मंदिर
  • ब्यावते ~ भजन
  • फूल ~ मूर्ति
  • तेरहताली ~ नृत्य
  • कामड़ियाँ ~ पंथ
  • चौबीस वाणियां ~ ग्रंथ
  • फड़ ~ कामड़ियाँ
  • रावण हत्या ~ भोपा

समाधि ~ रामसरोवर तलाब के किनारे रुणेचा ( पोकरण ) भारदपद शुकल एकादशी

रामदेवजी के एक दिन पहले डाली बाई ने भी जीविंत समाधि ली जहां कंगन बना हुआ है जिसने से कोई भी निकता है तो उसके सरे कष्ट दूर हो जाते है और उसे छुटकारा मिल जाता है .

मेला ~ जन्म से लेकर समाधि तक भाद्रपद शुकल द्वितीय से एकादसी तक

चमत्कार

  • पांच पीरो के बर्तन लेकर दिए थे
  • लकी बणजारे की मिश्री का नमक बना दिया था
  • कपड़े का घोड़ा आकश में उड़ाया था
  • बाली नाथ को हरी दर्शन दिए थे
  • उफनते दूध को शांत किया था
  • मरे हुए बछड़े को जिन्दा किया था
  • बेहता सेठ की नाव पर लगाई थी
  • भैरव राक्षस का वध किया

मंदिर

  • रुणेचा, पोकरण
  • छोटा रामदेवरा ~ गुजरात में
  • मसूरिया ~ जोधपुर
  • सुरताखेड़ा ~ चितोड़गढ़
  • बरंठिया ~ अजमेर
  • मिनी रामदेवरा ~ अजमेर

Gk Subhash Charan हड़बूजी का वर्णन

  • जन्म ~ 15 वि सदी में भुडेल नागौर
  • पिता जी का नाम ~ मेहा जी
  • गुरु जी का नाम ~ बाली नाथ
  • वाहन ~ सियार
  • उपनाम ~ शकुन शास्त्र के ज्ञाता , गो रक्षस , बाल बरह्मचारी , योगी सन्यासी , वीर पुरुष , चमत्कारी ,

हड़बूजी ने राव जोधा को आशीर्वाद के रूप में एक कटार दी थी
हड़बूजी के मदिर में गाड़ी की पूजा होती है जिसमे वह जो अपंग गायें होती थी उनके लिए चारा लेकर आते थे

  • मंदिर ~ फलोदी गांव जोधपुर
  • मेला ~ भाद्रपद शुक्ल पक्ष

हड़बूजी में रामदेवजी के 8. दिन जीवत समाधि ली थी

Gk Subhash Charan Sir मेहा जी मांगलिया का वर्णन

  • जन्म ~ 14 वी श्ताभ्दी भाद्रपद कृष्ण अस्टमी
  • घोड़ा ~ किरड का बरा
  • उपनाम ~ गो रक्षस देवता
  • मंदिर ~ वापनी जोधपुर
  • धर्म बहन ~ पाना गुजरी
  • मेला ~ भाद्रपद कृष्ण अस्टमी

मेहा जी का निधन पाना गुजरी की गायो को छुड़ाते हुए स्र्वग देव के साथ युद्ध में हुआ

मेहा जी के पुजारी की वंश वर्दी नहीं होती है अर्थात गोद नहीं लेते है

Gk Subhash Charan Sir तेजा जी का वर्णन

  • जन्म ~ 1074 ईस्वी माह शुक्ल चतुर्दर्शी खरनाल नागौर
  • पिता जी का नाम ~ ताहड़जी
  • माता जी का नाम ~ राजूकुँवरि
  • पत्नी का. नाम ~ पेमल ( पनेर गावं अजमेर )
  • बहन का नाम ~ राजत , भवरी बाई
  • भाभी का नाम ~ आभलदे
  • धोड़ी का नाम ~ लीलण सिंघारी

उपनाम ~ नागो के देवता , कृषि उपकारक देवता , काला बाला के देवता , धोला पीर , वचन पुरुष , गो रक्षक , गायो के देवता , मुक्ति दाता

  • प्रतीक ~ भाला लिए हुए अश्वारोही जिनकी जीब पर सांप ने काटा था
  • गीत ~ तेजा टेर
  • मंदिर ~ चबूतरा थान
  • घोड़ला ~ पुजारी
  • मेला ~ तेजा दशमी ( शुक्ल भार्द्रपद दसमी )

तेजा जी को शहरिया जनजाति पूजती है

तेजा जी का आराध्य स्थान ~

  • खरनाल ( नागौर ) 8 सितम्बर 2011 को डाक टिकट जारी किया गया था
  • परबतसर ( नागौर ) यहां तेजा दशमी को पशु मेला भरता है जो राजस्थान में आय की दृष्टि से सबसे बड़ा पशु मेला भरा जाता है
  • पनेर ( अजमेर ) ~ पुजारी ~ माली
  • मांडवलिया (अजमेर ) ~ यहां तेजाजी ने लाछा गुजरी की गायो को मेर मीणाओ से छुड़ाया था

नोट ~ लाछा गुजरी. की छतरी नागौर में .

  • सुरसुरा ~ (अजमेर ) ~ यहां पर तेजा जी का निधन हुआ था 1103 ईस्वी
  • मंदिर ~ जागती जोत, जागती जागिणी कहते है
  • भावंता ~ ( अजमेर ) ~ यहां पर गो मूत्र से सांप कटे हुए व्यक्ति का प्रकतिक इलाज होता है
  • ब्यावर ~ ( अजमेर ) ~ तेजा चौक
  • बासी दुगारी ~ बूंदी ~ कर्म स्थली

Gk Subhash Charan मल्ली नाथ जी का वर्णन

  • जन्म ~ 1358 ईस्वी ( तिलवाड़ा बाड़मेर )
  • पिता जी का नाम ~ सलखाजी / तीड़ाजी
  • माता जी का नाम ~ जिणादे
  • पत्नी का नाम ~ रूपादे
  • गुरु जी का नाम ~ उगमसी

उपनाम ~ चमत्कारी पुरुष , वीर पुरुष , सिद्ध पुरुष

  • 1378 ईस्वी ~ में इन्होने निजामुद्दीन (मालवा ) व् फिरोज तुगलक ( दिल्ली को हराया था
  • 1399 ईस्वी ~ में इन्होने कूडपंत चलाया था
  • अपने भतीजे राव चूड़ा को मंडोर दिलाने में सहयोग दिया था
  • बाड़मेर के मलानी क्षेत्र का नाम इन्ही के नाम पर है

मेला ~ चैत्र कृष्ण एकादशी से चैत्र शुक्ल एकादशी तक आपको पता ही होगा ये राजस्थान का सबसे प्राचीन पशु मेला है जिसमे पारपरकर व् कांकरेज गायो का क्रय विक्रय अधिक होती है

रूपादे का मंदिर माला जाल गावं में बना हुआ है जो सर्वाधिक सम्ब्भाव का मंदिर है

Gk Subhash Charan Sir देवनारायण जी का सम्पूर्ण वर्णन

  • जन्म ~ 1243 ईस्वी आसींद ( भीलवाड़ा )
  • पिता जी का नाम ~ सवाई भोज
  • माता जी का नाम ~ साडू खटांनी
  • पालन पोषण ~ देवास ( MP )
  • जाती ~ बगड़ावत वंश के नागवंशी गुर्जर
  • पत्नी का नाम ~ पीपलदे ( धार MP जयसिंह की बेटी थी )
  • बचपन का नाम ~ उदयसिंघ
  • घोड़े का नाम ~ ————

उपनाम ~ विष्णु के अवतार , आयुर्वेद के देवता , गो रक्षक देवता

इनके मंदिर में दो ईंटो की नीम की पतियों से पूजा होती है

मेला ~ भार्द्रपद शुक्ल सप्तमी

देवनारायण जी ने अपने भाई को महेंद्र , मदन मानसिंह भूणा के सहयोग से अजमेर के राजा को मारकर अपने पिता के मृत्यु का बदला लिया था

वाचक ~ गुर्जर जाती के भोपा

  • मंदिर ~ देवमाली ~ ब्यावर ( अजमेर )
  • देवधाम ~ जोधपुरिया ( टोंक )
  • प्रतीक चिन्ह ~ कुंडली मोर सांप

Gk Subhash Charan Sir भल्ला जी राठौड़ का वर्णन ~

  • जन्म ~ 1544. ईस्वी
  • पिता जी का नाम ~ आसासिंह
  • पत्नी का नाम ~ कृष्णा
  • गुरु जी का नाम ~
  • माता जी का नाम ~
  • चाचा जी का नाम ~

उपनाम ~ चार हाथो के देवता , शेषनाग के अवतार , बाल बरह्मचारी , योगी सियांसि , केहर केसरी

  • बचपन का नाम ~
  • मंदिर ~ भैरव पोल ( चितोड़गढ़ , दुर्ग में )
  • मेला ~ आषिवन शुक्ल नवमी
  • इनके परिवार में सांप , बिछु, भुत प्रेत का इलाज किया जाता है

Gk Subhash Charan Sir देव बाबा जी का वर्णन ~

  • मंदिर ~ नगला जहाज ( भरतपुर )
  • मेला ~ चैत्र भाद्रपद शुक्ल चुतर्थी पंचमी
  • उपनाम ~ ग्वालो के देवता , पशु चिकित्स

Gk Subhash Charan Sir हरिराम जी का वर्णन ~

  • मंदिर ~ झोरड़ा ( नागौर ) में यहां पर मूर्ति की जगह पर सांप की बाबी व् चरण की पूजा की जाती है
  • मेला ~ भाद्रपद शुक्ल पंचमी

Gk Subhash Charan Sir बीका जी का वर्णन

  • जन्म ~ 1351 ईस्वी में
  • मेला ~ 14 अक्टूबर ( जाखड़ जाटो के आराधय देव
  • उपनाम ~ जो रक्षक देवता

Gk Subhash Charan Sir इलोजी का वर्णन

मंदिर ~ बालोतरा ( बाड़मेर ) होली का के होने वाले पति

  • उपनाम ~ आजीवक कुवांरे , छेड़ छाड़ के देवता , सन्तान देने वाले देवता ,
  • अच्छे वर वधु के लिए पूजा की जाती है

तो मेरे सभी विधार्थी आप को बता देते है की है ये सभी जो ऊपर भगवान के बारे बताया गया है ये बहुत ही इम्पोर्टेन्ट है अगर आपको ये याद हो जाते है तो आप आने वाली परीक्षा में पास हो सकते है और अगर हमारी पोस्ट को देख रहे हो तो आप इस को शेयर कर दीजिये अपने दोस्तों के साथ और हमारे व्हाटअप्प्स और टेलीग्राम ग्रुप ज्वाइन कर लीजिये आप हर दिन ऐसे ही अपडेट मिलते रहेंगे

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