चाणक्य नीति : बैडलक हो जाएगा शुरू, पैरों से कभी न छूना इन्हें
चाणक्य नीति आचार्य चाणक्य की नीतियों के माध्यम से ऐसे 7 जीवों के बारे में बताया गया है कि इनको कभी भी पैर से ठोकर नहीं मारनी चाहिए। चाणक्य का कहना है कि अगर आपने भूल से भी इन 7 को ठोकर मारी तो आपकी कई पीढ़ियों तक दोष लगता है। आप भी जानिए कौन सी हैं ये 7 चीजें।
आचार्य चाणक्य की नीतियां और रणनीतियां जहां उस दौर में लोगों को सही रास्ता दिखाती थीं, वहीं आज भी ये नीतियां लोगों का मार्गदर्शन कर रही हैं। आज हम ऐसी ही एक नीति के बारे में आपको बताने जा रहे हैं कि जिसमें चाणक्य ने कहा है कि व्यक्ति को कभी भी अपने जीवन में इन 7 लोगों को पैर नहीं लगाना चाहिए। जो ऐसा करता है उसकी आने वाली 7 पीढ़ियों तक दोष लगता है। आइए जानते हैं किस 7 का पैर से स्पर्श नहीं करना चाहिए।
- पादाभ्यां न स्पृशेदग्निं गुरु ब्राह्मणमेव च।
- नैव गां न कुमारीं च न वृद्धं न शिशुं तथा।।
अग्नि
अग्नि को धार्मिक मान्यताओं में भगवान का दर्जा दिया गया है। कहते हैं कोई भी शुभ कार्य करने से पहले अग्नि का होना जरूरी माना गया है। हिंदू धर्म में हर कार्य के शुभांभ से पहले दीपक या फिर हवन के रूप में अग्नि प्रज्ज्वलित की जाती है। इसलिए अग्नि को पैर लगाना पाप के समान माना गया है।
ब्राह्मण
ब्रह्माणों या फिर साधु संतों का दर्जा भगवान के समान माना गया है। सभी शुभ कार्यों में ब्राह्मणों को भोजन करवाकर ही शुरुआत की जाती है। इसलिए हर शुभ घड़ी में उनका सम्मान किया जाता है। उन्हें पैर लगाने से व्यक्ति को पाप लगता है।
गुरु का दर्जा
हमारी परंपराओं में गुरु का दर्जा सबसे सबसे ऊपर है। कहा जाता है कि गुरु के ज्ञान के बिना भगवान की भक्ति भी नहीं हो सकती है, इसलिए गुरु को सर्वोपरि माना गया है। किसी भी शुभ कार्य को आरंभ करने से पहले गुरु के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया जाता है। इसलिए उनको भूल से भी कभी पैर न लगाएं।
कन्या देवी समान
हिंदू धर्म में कन्याओं की पूजा होती है और उन्हें मां भगवती का रूप माना गया है। ऐसा भी माना जाता है कि हर घर में कम से कम एक कन्या जरूर होनी चाहिए ताकि माता-पिता को कन्यादान करने का पुण्य प्राप्त हो सके। इसलिए देवी के समान पूज्यनीय कन्या को कभी भी पैर न लगाएं।
घर के बुजुर्ग
जिस घर में बुजुर्गों का सम्मान किया जाता है वहां साक्षात मां लक्ष्मी का वास होता है। सभी को अपने घर के बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए और कभी भी उन्हें कोई अपशब्द नहीं बोलना चाहिए। जिस घर में बड़ों का अनादर होता है उस घर से मां लक्ष्मी भी रुठकर चली जाती हैं।
गाय का दर्जा सर्वोपरि
हिंदू धर्म में गाय की पूजा की जाती है और गाय के गोबर का प्रयोग सभी शुभ कार्यों में होता है। इसलिए यदि कभी आपके द्वार पर गाय आए तो उसे कभी भी मारकर नहीं भगाना चाहिए। गाय को माता का रूप माना गया है। इसलिए गाय को कभी भी परेशान नहीं करना चाहिए।
शिशु
आचार्य चाणक्य का मानना है कि बच्चे भगवान का रूप होते हैं और उन्हें कभी भी मारना और डांटना नहीं चाहिए। छोटे बच्चों को कभी भी पैर से ठोकर नहीं मारनी चाहिए। ऐसा करने वाले को भगवान भी कभी माफ नहीं करते हैं
चाणकय नीति को ध्यान में रखोगे तो जीवन कभी भी दुक्ख नहीं आएगा आप हमेशा एक हसी भरा जीवन जी सकते हो ऐसा जीवन जिसमे केवल खुसिया ही खुसिया हो जो आपके जीवन को एक नए सिरे से जीने में सहायता करे
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14 NOVEMBER 2023 CURRENT AFFAIRS GK IN HINDI, aaj ka g, breaking news, current affairs, current affairs gk in englosh, discover, FREE TEST, GKSUBHASHCHARANTEST, today current adffairs